Gunjan Kamal

Add To collaction

यादों के झरोखे से " उफ्फ ये दूध "

दोस्तो ! जब हम दूध उबालते हैं तों हमें वहीं पर खड़े होकर इसे उबालना पड़ता है ताकि यह उफनकर बाहर ना गिर जाएं कई बार तों हमें लगता है कि जितनी देर हम खड़े हैं उसमें कोई दूसरा काम कर लेते और यही सोच हमपर भारी पड़ जाती है और जैसे ही हमारा ध्यान हटता है वैसे ही दूध उफनकर बर्तन से बाहर जाता है और इसके बाद गैस चूल्हे और किचन स्लैब पर फैला दूध साफ करतें रहिए  और काम के साथ एक काम करते रहों ऐसा मेरे साथ भी होता है और लगभग हर गृहणियों के साथ


दोस्तों ! मेरे साथ जब ऐसा होता है तों मुझे तों बहुत गुस्सा आता है मेरा गुस्सा देखकर ही माॅं ने मुझे ऐसी स्थिति आएं ही ना का उपाय बताया था आज यादों के झरोखों में मां द्वारा बताई गई बातें आप सबके समक्ष लेकर आई हूॅं। मां ने जो बताया था वह आज आप लोगों को भी बताने जा रही हूॅं। मैं  आज आप सभी को भी वह उपाय बताऊंगी जिससे कि दूध उबल कर बर्तन के बाहर आए ही ना 


सबसे पहला उपाय तों यह हमे करना चाहिए कि जब भी हमें लगने लगे कि दूध थोड़ी देर में उबलने वाला है तो सबसे पहले गैस की फ्लेम धीमी कर देनी है ऐसा करने से दूध उबलने में थोड़ा समय तों लगेगा लेकिन दूध उबल कर बाहर नहीं आएगा 

दूसरा उपाय यह है कि दूध के बर्तन के ऊपर हमें लकड़ी का करछुल रखना है जैसे ही दूध में छोटे - छोटे बुलबुले बनने लगे वैसे ही हमें लकड़ी की करछुल बर्तन के ऊपर रख देना हैं यह लकड़ी का करछुल ही दूध में उबाल आने पर ऊपर से गिरने से रोकेगा

दोस्तों ! एक और उपाय है और वह है कि हमें मक्खन का एक क्यूब लेना है और इस मक्खन को दूध के बर्तन के ऊपरी सतह पर और थोड़ा सा अंदर की तरफ भी रगड़ लेना है । अब दूध को बर्तन में डालकर गैस पर उबलने के लिए रखना है । यह उपाय   दूध को  उफनने और  जलने से भी बचाता है ।


 सबसे आसान उपाय  अब आप सबको  बता रही हूॅं  । कई बार गैस की फ्लेम धीमी  करने के बाद भी अगर  दूध उबलने  लगे तों  दूध की  झाग पर पानी की कुछ बूंदें छिड़क देंगे ।  जैसे ही हम  झाग पर पानी छिड़केंगे  उबलता दूध बर्तन के नीचे चला जाएगा और यह बर्तन के ऊपर से  नहीं गिरेगा


दोस्तों ! मैं तों ऐसे ही उपाय करके दूध को बर्तन के बाहर उफन कर गिरने से रोकती हूॅं लेकिन कभी - कभी ऐसा भी हों जाता है कि " ध्यान हटी और दुर्घटना घटी " 😊

हम लड़कियों के नसीब में ताउम्र अपनी मां के साथ रहना लिखा नहीं होता है लेकिन मां द्वारा बताई गई सीख हमारे साथ ताउम्र रहती है और वही सीख याद बनकर हमारी जिंदगी से जुड़ भी जाती है। मां की बात चली है तो मां की याद आ रही है, ऐसा नहीं है कि मां की याद नहीं आती, वह तो हर पल मेरे साथ रहती है लेकिन अभी आप लोगों के समक्ष मां द्वारा बताई गई सीख बताकर मां के द्वारा बताई गई और भी सीखें उनकी छवि के साथ नजरों के सामने घूम रही है।  आगे आप लोगों के साथ ऐसी और भी यादें साझा करने आती रहूंगी। अभी के लिए इतना ही चलती हूॅं , फुर्सत मिली तों फिर से मुलाकात होगी तब तक के लिए 👇


          🙏🏻🙏🏻🙏🏻 " बाय " 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

" गुॅंजन कमल " 💓💞💗

   17
8 Comments

बेहतरीन

Reply

Renu

11-Dec-2022 03:15 PM

आपकी यह सीख कोशिश करूंगी हमेशा याद रखूंगी 🙈🌺👌👍

Reply

Muskan khan

11-Dec-2022 12:56 PM

Amazing

Reply